मां का दूध नवजात का पहला टीका

- विश्व स्तनपान सप्ताह में गर्भवती व धात्री महिला के साथ पति व सास ने दिये सात टिप्स
नालंदा (बिहार)हरनौत- एक अगस्त से सात अगस्त तक मनाये जाने वाला विश्व स्तनपान सप्ताह प्रखंड के आंगनबाड़ी केंद्र व उसके पोषक क्षेत्र में समारोह पुर्वक मनाया गया। कोरोनाबंदी को देखते हुए सोशल डिस्टेंस व अन्य सावधानियों के साथ इन सात दिनों में सुरक्षित जच्चा-बच्चा के लिए गर्भवती व धात्री महिला के साथ उनके पति व सास को भी सात टिप्स बताये।


सीडीपीओ रेणु कुमारी ने बताया कि बच्चे के जन्म के एक घंटा के अंदर उसे मां का पहला गाढ़ा पीला दूध पिलाना चाहिए। इससे बच्चे के शरीर में बेहतर प्रतिरोधक क्षमता का विकास करता है। जो उसे विभिन्न संक्रामक बीमारियों से बचाता है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए संक्रमित माता भी स्तनपान करा सकती हैं। चेहरे पर मास्क और हाथ में सैनिटाइजर लगाकर बच्चे को स्तनपान करायें। स्तनपान कराने में असहज होने पर साफ हाथ से कटोरी में दूध निकालकर चम्मच से पिलायें। उन्होंने बताया कि सप्ताह के पहले दिन केंद्र पर गर्भवती व धात्री महिलाओं की बैठक की गई। इसमें काऊंसिलिंग के जरिये मां के दूध की अनिवार्यता बताई गई। दूसरे दिन उनके घरों में जाकर स्तनपान का महत्व बताया गया। तीसरे दिन संबंधित महिलाओं के परिवार की वरीय महिला सदस्य को बुलाकर उन्हें कैंडिल शपथ दिलाई गई, जिसमें छह महीने तक नवजात को सिर्फ मां का दूध देने की बात थी। पानी की एक बूंद भी नहीं देनी है।


चौथे दिन किशोरियों व धात्री महिलाओं को केंद्र में रंगोली प्रतियोगिता कराई गई। इसमें स्तनपान से बच्चे और मां को होने वाले फायदे के बारे में प्रकाश डाला गया। पांचवें दिन महिलाओं के पति व सास को लक्षित करते हुए मां के पहले दूध के बारे में बताया गया। साथ ही इससे जुड़ी भ्रांतियां भी दूर की गईं।


छठे दिन केंद्र में मेंहदी प्रतियोगिता से स्तनपान का महत्व बताया व अंतिम सातवें दिन किशोरियों जो कि भावी मां हैं को पेंटिंग के माध्यम से स्तनपान का महत्व समझाया गया।
कोरोनाबंदी के समय इस तरह के कार्यक्रम अधिक प्रासंगिक हो जाते हैं। कार्यक्रम में आंगनबाड़ी कर्मियों के साथ समुदाय के विभिन्न वर्गों की महिलाओं ने सक्रियता से भाग लिया।
रिपोर्ट – गौरी शंकर प्रसाद