बिहार के लाखों नियमित d.El.Ed, b.Ed तथा शिक्षक अभ्यर्थियों ने कहा कि नियोजन नहीं तो वोट नहीं


ट्विटर के जरिये सरकार से की मांग
Patna : बिहार में प्राथमिक विद्यालय में लाखो शिक्षक के पद रिक्त रहने के बावजूद भी बिहार सरकार शिक्षक नियोजन के प्रति उदासीन है| 5 जुलाई 2019 को प्राथमिक शिक्षक नियोजन के लिए शेड्यूल जारी किया गया था| जिसमे अभी तक पांच बार संसोधन होने के बावजूद भी पूरा नहीं किया जा सका| अभी हाल फिलहाल में शिक्षक नियोजन का मामला माननीय उच्च न्यायलय पटना के आदेश के कारण रोक दी गयी है| इस चुनावी वर्ष में भी सरकार शिक्षा और शिक्षक नियोजन के प्रति उदासीन है| इससे लाखो शिक्षक अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है| सरकार न्यायलय में भी अपना पक्ष सही ढंग से नहीं रख रही है|


लगभग सभी सरकारी विभागों के केसो में सरकार के वकील या तो उपस्थित होते नहीं है और अगर उपस्थित होते है तो कहते है की मैंने इस विषय पे तैयारी नहीं की है और दूसरा तारीख ले लेते है और ये सिलसिला चलता रहता है| जिससे बेरोजगार शिक्षक अभ्यर्थी का भविष्य अंधकारमय हो रहा है हमारे मुख्यमंत्री डंके की चोट पर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने की बात करते है और वही दूसरी तरफ प्राथमिक स्कूलों में लाखो शिक्षक के पद रिक्त है ऐसे में माननीय मुख्यमंत्री का क्वालिटी एजुकेशन की बात करना तर्कसंगत नहीं है । नितीश कुमार एक तरफ रोजगार देने का वादा तो करते है वही दूसरी तरफ प्राथमिक शिक्षक नियोजन में लाखो युवाओ के भविष्य के प्रति उदासीन है जिससे युवा शिक्षक अभ्यर्थी में रोष देखने को मिल रहा है और वो सरकार से ट्वीटर और सोशल प्लेटफार्म के माध्यम से मांग कर रहे है की वो शिक्षक नियोजन को संज्ञान में लेते हुए अतिशीघ्र नियोजन की प्रक्रिया को पूर्ण करे जिससे बच्चो को शिक्षक और युवाओ को रोजगार मिल सके। इसी क्रम में 28 जुलाई को संध्या में बिहार के लाखो नियमित d.El.Ed, b.Ed तथा शिक्षक अभ्यर्थियों ने बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन (@btetctet)के बैनर तले ट्वीटर हैसटैग शिक्षक नियोजन नहीं तो वोट नहीं चलाया जो देश में 8 नंबर और बिहार में 1 नंबर पर घंटो ट्रेंड करता रहा |बिहार और देश के तमाम दिग्गज नेताओ ने अपने ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके समर्थन दिया | इस समर्थन में मुख्य रूप से कुमार गौरव, जयकांत कुमार, चंदन,सौरव कुमार, हर्ष श्रीवास्तव , आकाश राजवीर और सतीश कुमार बिहार प्रारंभिक शिक्षक नियोजन संघ शामिल रहें ।
विक्रान्त कुमार की रिपोर्ट