कोरोना महामारी के दौरान किए जा रहे बेहतर कार्यों के लिए स्वास्थ्य कर्मियों को किया गया सम्मानित


• कोरोना महामारी को हराने में स्वास्थ्य कर्मी निभा रहे हैं अहम भूमिका
सासाराम (रोहतास) । कोविड 19 आज वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। आम हो या खास, सभी इसके जद में आते हुए देखे गए और आज भी देखे जा रहे हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोगों ने अपने घरों पर ही रहना मुनासिब समझा। हालांकि इस दौरान कुछ ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना संक्रमण के बीच अपने परिवारों से दूर रहकर अपनी जान को खतरे में डालकर आम लोगों की जिंदगियां बचाते रहे। उन्हीं में से है स्वास्थ्य विभाग के स्वास्थ्य कर्मी, जो अपनी परवाह किए बिना 24 घंटे लोगों की जान बचाने में लगे रहे और ये स्वास्थ्य कर्मी इसे अपना कर्तव्य समझकर बखूबी निभाते रहे। ये स्वास्थ्य कर्मी कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में लोगों के लिए कोरोना वॉरियर्स के रूप में रक्षक बने रहे। रोहतास जिला मुख्यालय सासाराम स्थित सदर अस्पताल में कार्यरत निचले स्तर के स्वास्थ्य कर्मी हो या पदाधिकारी सभी ने कोरोना काल में अपनी अहम भूमिका निभाई। वर्तमान में भी संक्रमण के चैन को खत्म करने में ये स्वास्थ्य कर्मी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
स्वास्थ्य कर्मियों को किया गया सम्मानित
कोरोना काल में कोरोना वॉरियर्स के रूप में खड़े सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शुक्रवार को सदर अस्पताल परिसर में भाजपा के सह संयोजक डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा ने सिविल सर्जन की उपस्थिति में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया। इस दौरान डॉ प्रवीण कुमार सिन्हा ने कहा कि कोरोना काल में जिस तरह से स्वास्थ्य कर्मियों ने अपने एवं अपने परिवार का परवाह किए बिना लोगों की जान बचाने में लगे रहे यह काबिले तारीफ है। उन्होंने कहा कि ऐसे कोरोना वॉरियर्स के लिए कोई भी सम्मान तुच्छ साबित होगा परंतु हमें ऐसे कोरोना वॉरियर्स को हमेशा सम्मान देना चाहिए और इनका हौसला बढ़ाना चाहिए। वहाँ मौजूद भाजपा के रोहतास जिलाध्यक्ष सुशील कुमार ने भी कोरोना के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा किए गए कार्य को सराहा।


सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य कर्मियों का बढ़ाया हौसला
सम्मान कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद सिविल सर्जन डॉ. सुधीर कुमार ने सभी स्वास्थ्य कर्मियों को उनके बेहतर कार्य के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना काल में अपने कर्तव्यों को समझते हुए उसे पूरी निष्ठा और लगन के साथ निर्वाह किया। उन्होंने कहा कि लोग डॉक्टर को भगवान के रूप में देखते हैं और इसी उम्मीद से वे मरीज को लेकर अस्पताल पहुंचते हैं ताकि वह अच्छे हो सके और इस उम्मीद को डॉक्टर कभी टूटने नहीं देते हैं। सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य विभाग के आशा कर्मियों की भी तारीफ करते हुए कहा कि कोरोना महामारी में आशा कर्मियों ने भी यह साबित करके दिखाया है कि आवश्यकता पड़ने पर ये लोग भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा डॉक्टरों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकती है और हर समस्या पर विजय फतह करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।
रिपोर्ट- बजरंगी कुमार, सासाराम