फौजिया राणा ने उठाया महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा का मुद्दा, कहा – वर्तमान सरकार महिलाओं की सुरक्षा करें सुनिश्चित

पटना । शुक्रवार को हिन्दुस्तान के मशहूर शायर और कवि मुन्नवर राणा की सुपुत्री फौजिया राणा की तरफ से पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया गया ।

पाटलिपुत्र की धरती को प्रारंभ से ही प्राकृतिक संपदा का खज़ाना मिला था , कोयला , लौह अयस्क , यूरेनियम , माइका , बॉक्साइट और न जाने क्या क्या प्राकृतिक संप्रदाय ऐसी थी जो बिहार की धरती में पाई जाती थी , परंतु राजनीति के किन्हीं महानुभावों की वजह से प्रांत का बंटवारा किया गया 15 नवंबर , सन् 2000 को बिहार से अलग होकर झारखंड बना और आज पूरा देश जानता है , काबिलियत के मामले में हम कितने पीछे हो चले हैं और वो कितने आगे , नेताओं के लालच और फायदे के कारण ऐसी नौबत आई थी अब वर्तमान में ऐसी स्थिति लाई जा रही है । बढ़ते भ्रष्टाचार , अपराध , बाढ़ और महिलाओं पर हो रहे शोषण के विरुद्ध उन्होंने वर्तमान सरकार पर जम कर हमला बोला , उन्होंने इस बात को भी याद दिलाया कि भारत एक लोकतालिक देश है और इस देश में प्रत्येक नागरिक को बोलने का अधिकार है । इस सरकार ने महामारी में भी पेट्रोल डीजल के दाम पर आग लगाने वाली बढ़ोतरी कर दी , राशन कार्ड के नाम पर जनता के आंखों में धूल झोंक रखा है और कोशिश कर रही है कि हर जगह अपनी मर्जी से सरकार गठित कर लिया जाए , संविधान में ये कहां तक जायज है , संविधान खतरे में है ये तो सब जानते है अब इन परिस्थितियों से खुद जनता को लड़ना है और जनता के साथ स्वयं फौजिया राणा खड़ी है । जब संविधान पर खतरा हो तो सभी देश वासियों को एक साथ अपनी आवाज़ बुलंद करनी चाहिए और

आंदोलन करना चाहिए , इस तानाशाह सरकार के विरुद्ध एक ली जलाने स्वयं फौजिया राणा का पटना की जनता से मुखातिब होना बहुत बड़ी बात थी , जातिवाद और धार्मिक ऊंच नीच जैसे मुद्दों पर भी उन्होंने खुल कर अपनी बातें रखीं और सरकार पर जमकर हमला बोला । सरकार को बढ़ते अपराध , भीषण बाढ़ , बढ़ती बेरोजगारी और महिलाओं पर हो रहे शोषण को रोकने के लिए बहुत सारे कदम उठाने की जरूरत है , अगर देश में अशांति का माहौल ऐसे ही बढ़ता रहा तो आने वाले समय में कठिनाइयों का दौर और बढ़ सकता है , महामारी ने भी साफ कर दिया है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ढीली है और समय के साथ और भी लचर होते जा रही है.महामारी ने एक तरफ समस्त देश के अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों का हाल पिछले 3-4 महीने में दिखा दिया , इससे उबरने के लिए देश को एक मजबूत और काम करने वाली सरकार की जरूरत आ पड़ी है । विकासशील भारत के लिए एकता , भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द बनाकर रखना ही सकारात्मक कदम है , देश का हर नागरिक देशभक्त है और समय आने पर अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए तत्पर है।

रिपोर्ट – स्वेता मेहता

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